Sawan Shivratri & Kanwar Yatra in India 2019: Lord Shiva Quotes, Status, Essay, History, Puja Vidhi, Story, HD Images, Wallpapers, Photos: True News India.
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Sawan Shivratri 2019: सावन के महीने में कांवड़ यात्रा के साथ-साथ सावनशिवरात्रि का भी बहुत महत्व है। लोकवेद के अनुसार मान्यता है कि सावन में Kanwar Yatra पर जाने से व शिवरात्रि (Sawan Shivratri) की पूजा करने से सभी कष्ट भगवान भोलेनाथ (Lord Shiva) दूर करत देते हैं। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार हर महीने में एक शिवरात्रि होती है। हालांकि, फाल्गुन और सावन मास में पड़ने वाले शिवरात्रि सबसे खास मानी जाती हैं।
Bhagavad Gita 7:15 states— SA News Channel (@SatlokChannel) July 24, 2019Those whose knowledge has been stolen away by Maya, such men who have demoniac nature, who are lowest among men, the evil-doers, fools, do not worship me i.e. they keep doing sadhna of the 3 gunas
- @SaintRampalJiM#WednesdayThoughts#WednesdayWisdom pic.twitter.com/IfndGpqZOy
When is Sawan Shivratri 2019: सावन शिवरात्रि कब है?
बहुत से श्रद्धालु सावन की शिवरात्रि कब है या when is Sawan Shivratri 2019 के बारे में जानने के लिए बहुत ही उत्सुक है. आप को बता दें की इस बार सावन शिवरात्रि 30 जूलाई 2019 (30 July 2019) के दिन है।
शिवरात्रि या सावन शिवरात्रि पर व्रत करना कहां तक सही है?
Sawan Shivratri: सावन शिवरात्रि पर जानिए शिव जी की सही व सच्ची पूजा विधि?
हमारे समाज में शिवजी (Lord Shiva) की आराधना की बहुत सी पूजा विधि प्रचलित है जैसे कोई कहता है: शिवरात्रि के दिन साधक को सूर्योदय (सूरज निकलने) से पहले उठना चाहिए और स्नान आदि कर साफ वस्त्र धारण करना चाहिए इसके बाद एक पात्र में गंगा जल, दूध, शहद, घी, चंदन, दही आदि लेकर शिवलिंग का अभिषेक करें। लेकिन आप को बता दें की यह सब नकली व शास्त्र विरुद्ध साधना है. क्यंकि Lord Shiva शिवजी ने कभी भी यह नहीं कहा की आप मेरे लिए कांवड़ लेकर आओ या कावड़ यात्रा निकालो।
इसका प्रमाण हमारी पवित्र श्री मद्भागवत गीता जी में भी है: गीता अध्याय 16 के श्लोक 23 व 24 में. आप को यह जानकर हैरानी होगी की गीता अध्याय 6 के श्लोक 16 में किसी भी प्रकार के व्रत के लिए मनाहि है.
■ अधिक जानकारी के लिए देखे साधना TV चैनल रात 7:30 से 8:30 पर तथा जगत गुरु रामपाल जी महाराज जी की अधिकारिक वेबसाइट पर जाए.
Sawan Shivratri & Kanwar Yatra 2019 in India (भारत में श्रावण शिवरात्रि व कांवड़ यात्रा 2019).
श्रावण मास में आने वाली शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। मयताओ के अनुसार सावन महीने के दौरान आने वाली सावन शिवरात्रि को बहुत ही शुभ माना जाता है। हालांकि, यह शिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण शिवरात्रि से अलग है जिसको महा शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। महाशिवरात्री फाल्गुन मास (फरवरी या मार्च) के मध्य आती है।
- ■ भारत (India) के उत्तरी राज्यों जैसे उत्तराखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और बिहार आदि में सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) बहुत प्रचलित व लोकप्रिय है।
- ■ आप को बता दें की सावन शिवरात्रि को आषाढ़ शिवरात्रि नाम से जाना जाता हैं। उत्तर भारत में प्रसिद्ध शिव मंदिर, काशी विश्वनाथ और बद्रीनाथ धाम सावन महीने के समय विशेष पूजा और शिव दर्शन की व्यवस्था करते हैं। सावन महीने के दौरान लाखो शिव भक्त शिव दर्शन हेतु मंदिरों की यात्रा करते हैं और शिवलिंग का गंगाजल अभिषेक करते हैं।
Sawan Shivratri Story & History (सावन शिवरात्रि कथा व इतिहास).
सावन शिवरात्रि कथा (Sawan Shivratri Katha) पौराणिक कथा के अनुसार वाराणसी (उत्तर प्रदेश) के वन में एक भील (शिकारी) रहता था, जिसका नाम गुरुद्रुह था। वह वन में रहने वाले प्राणियों का शिकार करके अपने परिवार का पालन करता था। एक बार शिवरात्रि के दिन वह शिकार करने वन में गया। उस दिन उसे दिनभर कोई शिकार नहीं मिला और रात भी हो गई। तभी उसे वन में एक झील दिखाई दी। उसने सोचा मैं यहीं पेड़ पर चढ़कर शिकार की राह देखता हूं। यह सोचकर वह पानी का पात्र भरकर बिल्ववृक्ष पर चढ़ गया। उस वृक्ष के नीचे शिवलिंग स्थापित था। थोड़ी देर बाद वहां
गुरुद्रुह ने जैसे ही हिरनी को मारने के लिए धनुष पर तीर चढ़ाया तो बिल्ववृक्ष के पत्ते और जल शिवलिंग पर गिरे। इस प्रकार रात के प्रथम प्रहर में अंजाने में ही उसके द्वारा शिवलिंग की पूजा हो गई। तभी हिरनी ने उसे देख लिया और उससे पुछा कि तुम क्या चाहते हो। वह बोला कि तुम्हें मारकर मैं अपने परिवार का पालन करूंगा। यह सुनकर हिरनी बोली कि मेरे बच्चे मेरी राह देख रहे होंगे। मैं उन्हें अपनी बहन को सौंपकर लौट आऊंगी।
हिरनी के ऐसा कहने पर शिकारी ने उसे छोड़ दिया। थोड़ी देर बाद उस हिरनी की बहन उसे खोजते हुए झील के पास आ गई। शिकारी ने उसे देखकर पुन (फिर से): अपने धनुष पर तीर चढ़ाया। इस बार भी रात के दूसरे प्रहर में बिल्ववृक्ष के पत्ते व जल शिवलिंग पर गिरे और शिव की पूजा हो गई। उस हिरनी ने भी अपने बच्चों को सुरक्षित स्थान पर रखकर आने को कहा। शिकारी ने उसे भी जाने दिया।Video Credit: Spiritual Science Knowladge.
इस बार भी वही सब हुआ और तीसरे प्रहर में भी शिवलिंग की पूजा हो गई। वह हिरन भी अपने बच्चों को सुरक्षित स्थान पर छोड़कर आने की बात कहकर चला गया। जब वह तीनों हिरनी व हिरन मिले तो प्रतिज्ञाबद्ध होने के कारण तीनों शिकारी के पास आ गए। सबको एक साथ देखकर शिकारी बड़ा खुश हुआ और उसने फिर से अपने धनुष पर बाण चढ़ाया जिससे चौथे प्रहर में पुन: शिवलिंग की पूजा हो गई।
Video Credit: Spiritual Science Knowladge.
तो दोस्तों यह थी Sawan Shivratri Story & History (सावन शिवरात्रि कथा व इतिहास) हम आशा करते है की आप को यह कहानी पसंद आयी होगी तथा आप का ज्ञानवर्धन भी हुआ होगा।
Sawan Shivratri, Kanwar Yatra & Lord Shiva Quotes & Status in Hindi & English.
शिव शंकर जी (Lord Shiva) पूर्ण परमात्मा नहीं है, कबीर साहेब जी पूर्ण परमात्मा है~ संत रामपाल जी महाराज।
शिव जी मृतुन्जय, अजर व अमर भगवान नहीं है, पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब जी है- Sawan Shivratri 2019 & Kanwar Yatra.
“The rich will make temples for Siva. What shall I, a poor man, do? My legs are pillars, the body the shrine, the head the cupola of gold.” ―
By doing the devotion of Lord Shiva, You Can not attain complete salvation even in entire life~ Spiritual Leader Saint Rampal Ji.
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